Ford Endeavour: फोर्ड ने किया वापसी ईस दीपावाली दिया एक बड़ा अपहार।

Ford Endeavour: फोर्ड ने किया वापसी ईस दीपावाली दिया एक बड़ा अपहार।

शुरुआत (2003-2007): एंडेवर ने 2003 में भारतीय बाजार में कदम रखा। यह एक बड़ी, मजबूत और बॉक्सी एसयूवी थी, जो अपनी दमदार मौजूदगी से ही लोगों को प्रभावित करती थी। उस समय इसकी कीमत लगभग ₹14 लाख थी, और यह 2.5-लीटर डीजल इंजन के साथ आती थी।

मध्यवर्ती पीढ़ी (2009-2015): 2009 में एंडेवर का फेसलिफ्टेड वर्जन आया, जिसमें कुछ नए बदलाव किए गए। इस दौरान 3.0-लीटर डीजल इंजन को भी पेश किया गया, जिसने इसकी परफॉर्मेंस को और बेहतर बनाया। यह एक ऐसी पीढ़ी थी जिसने एंडेवर को एक मजबूत ऑफ-रोडर के रूप में स्थापित किया।

तीसरी और अंतिम पीढ़ी (2016-2021): 2016 में आई तीसरी पीढ़ी ने एंडेवर को एक प्रीमियम एसयूवी का रूप दिया। इसमें आधुनिक फीचर्स, जैसे पैनोरमिक सनरूफ, सेमी-ऑटोनॉमस पार्क असिस्ट और फोर्ड सिंक 3 जैसे सिस्टम शामिल किए गए। बाद में बीएस6 उत्सर्जन मानदंडों के चलते 3.2-लीटर इंजन को हटाकर 2.0-लीटर इकोब्लू इंजन लाया गया।

2. डिज़ाइन और दबदबा: सड़क पर राजा जैसा एहसास

एक्सटीरियर (बाहरी बनावट): एंडेवर का डिज़ाइन हमेशा से ही इसकी सबसे बड़ी ताकत रही है। इसका मस्कुलर और बोल्ड लुक, क्रोम ग्रिल और बड़े अलॉय व्हील्स इसे एक कमांडिंग रोड प्रेजेंस देते थे। तीसरी पीढ़ी में शार्प लाइन्स और बेहतर एयरोडायनामिक्स के साथ इसे और भी आकर्षक बनाया गया।

इंटीरियर (आंतरिक बनावट): एंडेवर का केबिन विशाल और प्रीमियम था। लेदर सीटें, सॉफ्ट-टच मटेरियल और आधुनिक डैशबोर्ड इसे एक शानदार फील देते थे। तीसरी पीढ़ी में एक्टिव नॉइज़ कैंसिलेशन जैसे फीचर्स ने केबिन को और भी शांत और आरामदायक बना दिया।

3. परफॉर्मेंस और इंजन: दमदार शक्ति का एहसास

इंजन के विकल्प: एंडेवर हमेशा अपने शक्तिशाली डीजल इंजनों के लिए जानी जाती थी।

2.2-लीटर डीजल: यह इंजन अच्छा पावर और टॉर्क देता था, और शहर के साथ-साथ हाईवे पर भी अच्छी परफॉर्मेंस देता था।

3.2-लीटर डीजल: यह 5-सिलेंडर इंजन असली जानवर था। यह शानदार पावर और टॉर्क पैदा करता था, जो एंडेवर को बेहतरीन ऑफ-रोडिंग क्षमता प्रदान करता था।

2.0-लीटर इकोब्लू डीजल: बीएस6 मानदंडों के बाद आया यह इंजन भी अपनी 10-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ शानदार परफॉर्मेंस देता था।

राइड क्वालिटी और हैंडलिंग: अपने बड़े आकार के बावजूद एंडेवर की राइड क्वालिटी और हैंडलिंग काफी बेहतरीन थी। इसका सस्पेंशन सेटअप और चेसिस सड़क के गड्ढों को आसानी से सोख लेता था, जिससे लंबी यात्राएं बेहद आरामदायक होती थीं।

4. ऑफ-रोडिंग क्षमता: मुश्किलों से लड़ने की ताकत

4×4 क्षमता: एंडेवर के टॉप वेरिएंट्स 4×4 क्षमता के साथ आते थे, जो इसे एक बेहतरीन ऑफ-रोडर बनाते थे। इसमें अलग-अलग टेरेन मैनेजमेंट सिस्टम (जैसे- सैंड, स्नो/मड और रॉक मोड) दिए गए थे, जिससे किसी भी तरह की सतह पर गाड़ी चलाना आसान हो जाता था।

800 मिमी वॉटर वेडिंग: एंडेवर की 800 मिमी की वॉटर वेडिंग क्षमता इसे बाढ़ या नदी के इलाकों में भी सुरक्षित रूप से चलाने की अनुमति देती थी।

हिल डिसेंट कंट्रोल: हिल डिसेंट कंट्रोल जैसे फीचर्स ऑफ-रोडिंग को और भी सुरक्षित बनाते थे।

5. टोयोटा फॉर्च्यूनर से मुकाबला: एक कड़ा प्रतिस्पर्धी

फोर्ड एंडेवर और टोयोटा फॉर्च्यूनर का मुकाबला भारतीय बाजार में हमेशा एक चर्चा का विषय रहा है।

एंडेवर के फायदे: एंडेवर को अक्सर बेहतर राइड क्वालिटी, अधिक प्रीमियम इंटीरियर, और बेहतर ऑन-रोड हैंडलिंग के लिए पसंद किया जाता था।

फॉर्च्यूनर के फायदे: फॉर्च्यूनर अपनी बेजोड़ विश्वसनीयता, कम रखरखाव लागत और बेहतर रीसेल वैल्यू के लिए जानी जाती है।

6. भारत में एंडेवर का अंत: एक दुखद विदाई

सितंबर 2021 में फोर्ड ने भारत में उत्पादन बंद करने की घोषणा की। इसके कई कारण थे, जिनमें लगातार हो रहा नुकसान और वैश्विक स्तर पर कंपनी की नई रणनीति शामिल थी। फोर्ड के इस फैसले से एंडेवर का भारतीय बाजार में सफर खत्म हो गया, जिससे इसके चाहने वाले बहुत निराश हुए।

7. सेकंड-हैंड बाजार में एंडेवर: आज भी डिमांड में

भारत में उत्पादन बंद होने के बाद भी सेकंड-हैंड बाजार में फोर्ड एंडेवर की जबरदस्त मांग है। इसकी दमदार परफॉर्मेंस, शानदार फीचर्स और मजबूत बिल्ड क्वालिटी के कारण लोग इसे आज भी खरीदना पसंद करते हैं। सेकंड-हैंड बाजार में यह ₹2 लाख से ₹36 लाख तक की रेंज में उपलब्ध है, जो मॉडल और कंडीशन पर निर्भर करता है।

 

Leave a Comment