गर्दन सुंदर बनाता है ब्रह्म मुद्रा योग | Brahma Mudra in Hindi |
Brahma Mudra योग की एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्रा है। Brahma Mudra में कमर सीधी रखते हुए पद्मासन में बैठना होता है। वैसे वज्रासन या सिद्धासन में भी बैठा जा सकता है। फिर अपने हाथों को घुटनों पर और कंधों को ढीला छोड़कर गर्दन को धीरे-धीरे दस बार ऊपर-नीचे करना होता है।
उम्र के बढ़ने के साथ-साथ गर्दन की चमड़ी ढीली पड़ जाती है. मोटापे से भी चर्बी बढ़ जाती है. दोनों ही स्थितियों में जहां बुढ़ापा झलकने लगता है, वही चेहरे की सुंदरता नष्ट होने लगती है. इससे निजात पाने के लिए कुछ लोग जिम जाते हैं, तो कुछ डाइटिंग करते हैं. मगर कई बार अन्य बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं. जबकि उत्तम उपाय है- Brahma Mudra योग. योग में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. इस आसन में गर्दन को चारों दिशा में घुमाने का विशेष महत्व है.
ब्रह्म मुद्रा योग करने की विधि | Brahma Mudra Steps |
पद्मासन, सिद्धासन या वज्रासन में बैठकर कमर तथा गर्दन को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे दाएं ओर ले जाए. कुछ सेकेंड दाएं और रुकते हैं. उसके बाद गरदन को धीरे धीरे बाईं ओर ले जाते है. फिर कुछ सेकेंड रुकने के बाद दाएं ओर ले जाते हैं. वापस आने के बाद गरदन को ऊपर की ओर से नीचे की तरफ लाते हैं. अब गरदन को क्लाकवाइज ओर एंटीक्लाकवाइज घुमाएं. इस तरह एक चक्र पूरा हुआ. 4 से 5 चक्रों में अभ्यास कर सकते हैं.
ब्रह्म मुद्रा योग में क्या सावधानी बरतनी चाहिए
जीने सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या थायराइड की समस्या है, वे अपनी ठोड़ी हो ऊपर की ओर दबाए गर्दन को नीचे की ओर ले जाते समय कंधे ना झुकाएं. कमर, गर्दन और कंधे को एक सीध में रखें. गर्दन या गले में गंभीर रोग हो, तो योग चिकित्सक की सलाह से ही मुद्रासन करें.
ब्रह्म मुद्रा योग के फायदे | Brahma Mudra Benifits |
जिन लोगों को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, थायराइड, प्लॉट्स की शिकायत है, उनके लिए यह बहुत लाभप्रद है. गर्दन की मांसपेशियां लचीली तथा मजबूत होती है. आलस्य भी कम हो जाता है.
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