एलर्जी के कारण, लक्षण, दवा, इलाज, उपचार और एलर्जी से जुड़े सभी सवालों के जवाब – allergy in Hindi – othershealth
Allergy |
Allergy in Hindi
आमतौर पर फरवरी से मार्च का महीना मौसम में बदलाव का है. ऐसा मौसम एलर्जी व्यक्ति समस्या को बढ़ा देता है. विश्व विश्व की 40% आबादी किसी ना किसी एलर्जी से पीड़ित है. एलर्जी हमारे रोग प्रतिरोधी तंत्र की असामान्य प्रतिक्रिया का परिणाम है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है.
लेकिन बच्चों में इसके होने का मुख्य कारण आनुवंशिक होता है. हर व्यक्ति में इसके कारण व लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. मुख्यतः धूल, धुआं, प्रदूषण, कुछ खाद्य पदार्थ इन समस्याओं को ट्रिगर करते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक समय रहते जरूरी बचाव व उपचार ना हो, तो यह समस्या है जीवन पर भारी पड़ सकती है. एलर्जी से बचाव व उपचार पर विस्तृत जानकारी दे रहा है हमारे विशेषज्ञ.
एलर्जी को कैसे करें काबू
एलर्जी हमारे इम्यून सिस्टम की असामान्य प्रतिक्रिया का परिणाम है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है. यह मुख्यतः पर्यावरण में मौजूद एलर्जन तत्व के संपर्क में आने व खाद्य पदार्थों से होती है.
धूल, दुआ, बढ़ते प्रदूषण की वजह से पूरी दुनिया में लोग इसका तेजी से शिकार हो रहे हैं. बच्चे-बड़े कोई भी एलर्जी का शिकार हो सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में करीब 20 से 30 परसेंट लोग एलर्जी से पीड़ित हैं.
अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों में एलर्जी के मरीजों की संख्या 40% से अधिक है. सबसे ज्यादा युवा शिकार हैं. विडम्बना है कि उनमें से कई लोगों को ती एलर्जन तत्वों के बारे में जानकारी तक नहीं होती.
अगर तुरंत इलाज न कराया जाए, तो यह आगे चलकर पीड़ित को सांस तक लेने में कठिनाई तो होती ही है, साइनस संक्रमण, लिंफ नोड संक्रमण और अस्थमा जैसे गंभीर समस्या भी हो सकते हैं.
एलर्जी के मुख्य कारण
Smell allergy : परफ्यूम, डिओडरेंट, ऑल, धूप- अगरबत्ती आदि खुशबू एलर्जन तत्व का काम करते हैं. इससे सिरदर्द घबराहट हो सकती है.Drug allergy : टेटरासाइक्लिन, पेनिसिलिन, डिलानातिन्न जैसी दवाइयों में मौजूद तत्वों से भी एलर्जी हो सकती है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो सकती है.
Pet animal allergy : पालतू जानवर खासकर बिल्ली और कुत्ता बड़े एलर्जी के कारण बनते हैं. उनके बाल, उनमें मौजूद धूल मिट्टी, लार, मृत त्वचा आदि से एलर्जी होती है. इन से त्वचा में रैशेज पड़ना, सूजन, खुजली, जलन आदि समस्याएं होती है.
किन्हे है ज्यादा खतरा
एलर्जी किसी को भी हो सकती है, लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की कारण बच्चे और बुजुर्गों में इसकी आशंका अधिक होती है. यह अनुवांशिक भी हो सकती है, लेकिन उनमें इसका स्वरूप अलग भी हो सकता है.
माना जाता है कि जिन बच्चों को अत्यधिक साफ सफाई से पाला जाता है, बाहर मैदान में, धूल मिट्टी, धूप, बारिश में खेलने नहीं दिया जाता, उनमें यह समस्या अधिक होती है.
कब जाए डॉक्टर के पास
अगर कोई मरीज बार बार इसकी पकड़ में आ जाता है, किसी चीज के प्रतिरोध में उसका शरीर बार-बार प्रतिक्रिया करता है, तो अनदेखी ना कर डॉक्टर को जरूर दिखाएं. यथासंभव उस चीज के प्रयोग से बचें.
किया होती है एलर्जी ( what is allergy in Hindi )
किसी व्यक्ति की प्रतीक्षा प्रणाली के अति संवेदनशील होने का परिणाम है एलर्जी. ऐसे कई खाद्य पदार्थ, वातावरण में मौजूद एलर्जन तत्व हैं, जिन्हें कई बार हमारा शरीर स्वीकार नहीं कर पाता. प्रतीरक्षा प्रणाली इनके प्रतिरोध में रक्त में हिस्टामाइन रसायन का उत्सर्जन करता है.
हिस्टामाइन रसायन पूरे शरीर में फैल कर एलर्जी के लक्षण पैदा करता है. संवेदनशील स्वसन तंत्र होने पर एलर्जी पीड़ित व्यक्ति में खांसी, जुकाम, नाक बहना, सांस फूलना, त्वचा पर चकत्ते या छपाकी होना, खुजली वगैरह लक्षण उभरते हैं. सबसे ज्यादा मामले एलर्जी राइनाइटिस व डर्मेटाइटिस एलर्जी के होते हैं.
नेचुरोपैथी और योग है मददगार
एलर्जी मूलतः प्रकृति में मौजूद पांच इंद्रियों से जुड़े संवेदनशील अंगों ( आंख, कान, नाक, जीभ, त्वचा ) में संक्रमण के कारण होती है. नेचुरोपैथी में एलर्जी के उपचार के लिए संबंध अंग को मजबूत बनाना जरूरी है. इसमें स्वस्थ जीवन शैली, स्वस्थ आहार व कुछ परहेज पर बल दिया गया है.
1. इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए सुबह के समय प्रकृति के सानिध्य में कुछ समय जरूर बिताएं. खुली हवा में नंगे पैर हरी घास व मिट्टी पर टाहले. सुबह जल्दी उठे और रात को जल्दी सोए.
2. पेट की एलर्जी से बचने के लिए तली हुई चीजों के बजाय हल्का आहार लें. मौसम अनुसार ताजे फल सब्जियां खाएं. सुबह खाली पेट नारियल पानी पीना, दिन में चार-पांच तुलसी के पत्ते चबा चबाकर खाना, एक बार एलोवेरा जूस पीना लाभप्रद है. दूध से एलर्जी होने पर दूध मैं थोड़ी सी कच्ची हल्दी, कच्ची अदरक या छोटी इलायची मिलाकर पिएं.
3. श्वसन संबंधी एलर्जी से बचाव के लिए नियमित गुनगुना पानी पीएं. गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करें. दिन में खाने के बाद और रात को सोने से पहले 5 ग्राम गुड़ का चूस कर सेवन करें.
4. शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने के लिए भाप स्नान या धूप स्नान लें.
योगासन से बढ़ती है जीवन शक्ति
एलर्जी के लक्षणों को कम करने में सहायक है आयुर्वेद
बचाव करके आप जीत सकते हैं सामान्य जीवन
Q. एलर्जी पूरी तरह ठीक किया जा सकता है ?
Q. जरूरी टेस्ट क्या है?
Q. इसमें इम्यूनोथेरेपी कितनी कारगर है?
Q.anti-allergic दवाइयां कब तक ली जा सकती है?
Q. क्या यह है रोग अनुवांशिकी भी है?
Q. आयुर्वेद व योग इसमें कितना फायदेमंद है?
Reference
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